कोरोना वायरस में बार-बार म्यूटेशन होने के चलते जहां गंभीर वैरिएंट पूरी दुनिया में फैलने लगे हैं। वहीं इसके चलते म्यूटेशन की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की जरूरत भी अहम हो चुकी है। भारत ने अब तक 45 हजार सैंपल की सीक्वेंसिंग पूरी की है।
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शुक्रवार, 25 जून 2021
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» अमर उजाला विशेष: डेनमार्क-कनाडा से 12, नीदरलैंड से 10 फीसदी अधिक लैब भारत में, फिर भी जीनोम सीक्वेसिंग कम
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