कोरोना की तीसरी लहर के दौरान बच्चों में व्यस्कों के मुकाबले कम खतरा होने की संभावना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के ताजा सीरोप्रेवेलेंस सर्वे में इस बात का दावा किया है।
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गुरुवार, 17 जून 2021
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» कोरोना: तीसरी लहर का खतरा व्यस्कों के मुकाबले बच्चों पर कम, डब्ल्यूएचओ और एम्स के नए अध्ययन में दावा
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